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nutan sharma

Inspirational

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nutan sharma

Inspirational

सिपाही के नाम एक ख़त

सिपाही के नाम एक ख़त

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जब सरहद पर रहे खड़े।

तूफां, गर्मी और बारिश में।

कुछ याद तो सबकी आती होगी।

बातों में, जज्बातों में।


मां का फ़ोन जब आता होगा।

याद बहुत कुछ आता होगा।

खाने को जब पूछती होगी।

आंसू तो आंख में आता होगा।


जब कभी अकेले होते होगे।

खत लिखने को मन करता होगा।

और पुराने रखे खतों को।

चुपके चुपके पढ़ते होगे।


कभी पर्स से लेके फोटो

तस्वीर को निहारते होगे।

अक्स देखकर सब अपनों का।

थोड़ा सा मुस्काते होगे।


जो गुजरती होंगी रातें सरहद पर।

जब सोचते होगे बैठे बैठे।

दिल के एक छोटे से कोने में।

याद मेरी भी आती होगी।


जब कभी तिरंगा मस्त हवा में।

सरहद पर लहराता होगा।

देख उसे जब मस्तक ऊंचा।

गर्व से हो जाता होगा।


ये सब तो मैं जान गई।

भारत मां के लाल हो तुम।

दूर अभी हो बहुत मगर तुम।

पास हमेशा रहते हो।


फर्ज अभी हैं बहुत तुम्हारे।

भारत मां के चरणों में।

मगर ध्यान अपना भी रखना।

क्यूंकि हम भी तो हैं तुम्हारे अपनों में।


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