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nutan sharma

Inspirational

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nutan sharma

Inspirational

सवैया छंद

सवैया छंद

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पायंन छाले परे बन में,

मां जानकी संग चले दोऊ भाई।


चित्रकूट में बनाईकै कुटिया,

बन में रहें न माने कठिनाई।


देखी दशा जब आय भरत ने,

रोए लिपटी के राम से भाई।


दोष क्षमा प्रभु मेरो करो,

जामे मेरी नेकऊ नहीं कुटलाई।


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