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nutan sharma

Classics

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nutan sharma

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मुझसे तू झूठी वफ़ा

मुझसे तू झूठी वफ़ा

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मुझसे तू झूठी वफ़ा करने वाले।

तेरा सब किया 3, मैने तेरे ही हवाले।


आवाज़ सुन तेरी दिन था निकलता।

वही अब दिल पर लगाती है छाले।।


बहुत रह लिए हम तेरी रहगुजर में।

बड़ी मुश्किलों से ये खोले हैं ताले।।


जो सामान सब हमने छोड़ा वहां पर।

नहीं चाहिए, चाहे कोई संभाले।।


किसी की न तुझको कभी कद्र होगी।

ना मिलेंगे तुझे जिंदगी भर उजाले।।


ना डर है गमों से, ना शिकवा है तुझसे।

ताउम्र हमने ये गम ही हैं पाले।।


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