शिकवा
शिकवा
किया दिल का सौदा बड़े प्यार से,
हुई जीत तेरी, मेरी हार से।।
जीना था संग तेरी, मरना हमेशा
चाहा था चाहूँ, तुझे मैं हमेशा,
दिल की आरजू मेरी, हो सकी ना पूरी
तेरी बेवफाई ने की है निराशा,
छीन गया चैन मेरा, इस दिल्लगी से..
हुई जीत तेरी, मेरी हार से।।
तेरे दम पे जीता, दुनिया को सारे
सब को किया रुसवा, तेरे सहारे,
डूबने को है, अब तो कश्ती ही मेरी
दूर तक नहीं है, कहीं भी किनारे,
बरबाद हम हुए है, तेरी बला से..
हुई जीत तेरी, मेरी हार से।।
हमने न सोचा था, जाने तमन्ना
लुटेगा यूं हमको...होगा वो अपना,
अरमान सब टूटे, दिल के हमारे
जागने से जैसे टूटे कोई सपना,
मेरा हाल क्या है? न पुछो जख्मी दिल से..
हुई जीत तेरी, मेरी हार से
किया दिल का सौदा, बड़े प्यार से।।
