शीर्षक - नव संवत्सर
शीर्षक - नव संवत्सर
गली गली में गूंजा शोर
होली आई होली आई।
उमंग तरंग से भरे किशोर
होली आई होली आई।
गुझिया पूरी से महका आंगन
ठंडाई और भांग का भी है जोर।
गली गली में गूंजा शोर
होली आई होली आई।
मस्ती में डूबा हर इंसान
ताल मृदंग और बाजे ढोल।
गली गली में गूंजा शोर
होली आई होली आई।
भक्ति की शक्ति का है प्रतीक
अच्छाई की जीत बुराई की हार।
नव संवत्सर का है स्वागत
खिल उठे रंग चहूं ओर।
गली-गली में गूंजा शोर
होली आई होली आई।
