शब्द एक कविता
शब्द एक कविता
कविता का भार हूँ मै
कविता का सार हूँ मै
अनगिनत शब्दों की परकाष्ठा
कविता की पहचान हूँ मै
तोडा जोड़ा फिर बनाया
ऐसा गान हूँ मै
फिर भी अपरिचित रह गया
क्या बेईमान हूँ मै
वातानुकूलित समझ से मन रस जोड़ा
ऐसा अधिकार हूँ मै
सब नियम सुगम सुलभ माने
ऐसी बान ज्ञान हूँ मै
निसंदेह स्पष्टता का अभिमान हूँ मै
परिवेश की अभिलाषा ज्योति
ऐसी निर्मित कविता का मान हूँ मै
