शब गुज़रती तेरी यादों तले....
शब गुज़रती तेरी यादों तले....
हृदय में अब हरपल तेरी स्मृतियों का दावानल जले,
मन में दिन रैन तेरे मिलन की अदम्य लालसा पले,
क्षण क्षण हो रहा कठिन मेरा ये जीवन बिन तेरे प्रिय,
नींद रूठी आँखों से ,हर शब गुज़रती है तेरी यादों तले।
तैरते हैं आंँखों में लम्हें खूबसूरत वो जो बिताए थे साथ,
बेफिक़्र से थे वो रात दिन लिए फिरते थे हाथों में तेरा हाथ,
साथी तुझे ही तो माना था हमने जीवन पथ का हमसफ़र,
फ़ासले अब क्यों है,क्यों भूली तुझे मोहब्बत की हर बात।
यक़ीं है हमें अपने प्यार पर,बीत जाएंँगे यह दिन हिज़्र के भी,
फिर चटकेगी कलियांँ प्रेम प्रसून की,महकेगा ये जीवन भी,
शब दर्द की भी ढल जाएगी,आएगी फिर मीठी सहर साथिया,
लौटेगा गिले शिक़वे भुला कर तू,बहारें आएगी मेरे जीवन में भी।