सत्य की मशाल सदैव दैदिप्यमान हो ! कल हम हो या न हो, यह सदैव जलती रहे ! सत्य की मशाल सदैव दैदिप्यमान हो ! कल हम हो या न हो, यह सदैव जलती रहे !
ग्वालवालों और कृष्ण ने जब देखा कोई पता ठिकाना ना पशुओं का। ग्वालवालों और कृष्ण ने जब देखा कोई पता ठिकाना ना पशुओं का।
कानून अब जी हजूरी की भाषा के अतिरिक्त कुछ नहीं। कानून अब जी हजूरी की भाषा के अतिरिक्त क...
हृदय में अब हरपल तेरी स्मृतियों का दावानल जले। हृदय में अब हरपल तेरी स्मृतियों का दावानल जले।
एक प्रश्नचिन्ह सा लगा है सम्मुख समझो जितना और उलझता एक प्रश्नचिन्ह सा लगा है सम्मुख समझो जितना और उलझता
वर्तमान सामाजिक परिस्थितियों व हाल की घटनाओं से प्रेरित यह कविता, हमारे देश के सभी महिलाओं को आत्म-न... वर्तमान सामाजिक परिस्थितियों व हाल की घटनाओं से प्रेरित यह कविता, हमारे देश के स...