" शाश्वत कविता "
" शाश्वत कविता "
कविताओं में अनेक विधाओं का सामंजस्य होता है,
कभी रस का प्रयोग,
कवि के कल्पनाओं के कलमों से कविता की
कला निखरती है !!
अलंकार अलंकृत अद्भुत शैलियों से कविता
नई नवेली दुल्हन बन जाती है !!
कभी कविताओं के शृंगारिक परिधानों को
वीभत्स कर देते हैं
कभी अपनी कृतियों को नकारात्मक, राजनीति
और अभद्रता से सँवारने का प्रयास करते हैं !
यह क्षणिक आनंद का आलोक मलिन हो जाएगा !
पर सौम्य, सुंदर, सरस प्यार और अनुराग
का संदेश ही सदा शाश्वत रह जाएगा !!
