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Madhu Vashishta

Comedy Action Inspirational

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Madhu Vashishta

Comedy Action Inspirational

शादी में जाना छोड़ दिया

शादी में जाना छोड़ दिया

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बंद कर दिया है दो दिन से खाना खाना।

क्योंकि भाई दो दिन बाद शादी में है जाना।


कोरोना के बाद यूं ही लोगों ने शादियों में बुलाना छोड़ दिया।

करते हैं डेस्टिनेशन वेडिंग

 दूर कहीं जाकर

आपस में रिश्ता जोड़ दिया।


अब जरूरी नहीं है कि घर आकर ही कार्ड देकर बुलाना।

आ जाएंगे जरूर भले ही मोबाइल पर ही कार्ड भिजवाना।

जीजा और फूफा ने भी रूठना मनाना छोड़ दिया।

आना है तो आओ वरना लोगों ने तो मन से बुलाना छोड़ दिया।


शादियों में अब खाना इतना बनवाते हैं।

कितना भी खाना चाहे पर सब चीजें कहां खा पाते हैं?


अब आराम से बैठकर पंगत में लोगों ने खिलाना छोड़ दिया।

खड़े होकर ही खाना है खाना,

अपना खाना भीड़ में से लाना,

थाल सजाकर प्यार से बिठाकर

 मेजबानों ने मेहमानों को खिलाना छोड़ दिया।


खाने के हैं इतने आइटम,

देखने के हैं इतने आइटम,

भीड़ में घुसकर मुश्किल से खाना हम लाए,

तभी भीड़ में किसी का जूड़ा गिर गया मेरे खाने पर,

और अपना जूड़ा उसने मेरी प्लेट पर ही छोड़ दिया।


बड़ी मुश्किल से बाहर निकल कर जूड़े वाला खाना मैंने वहीं पर छोड़ दिया।

भूख के मारे पेट में थे चूहे कूदते,

दो दिन पहले से था नहीं खाया।

बड़ी मुश्किलों से भीड़ में जाकर मैं दोबारा से खाना लाया।

खाकर इतना पेट दर्द हुआ कि दो दिन तक मैं सो नहीं पाया।

यारों बहुत भीड़ जो देखी, अब तो मैंने शादी में भी जाना छोड़ दिया।


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