सच्चा साथी
सच्चा साथी
ये अकेलापन हमेशा बड़ा अपना सा लगता है।
कभी-कभी इसकी नज़र उतारने का मन करता है।
ये कभी मेरी गलतियों पर नीचा नहीं दिखाता,
बल्कि मेरे टूटते आत्मविश्वास को मजबूत बनाता है।
ये मेरे हर रिश्ते के किरदार से मेरा स्व ढूंढ लाता है।
मेरी दिखावटी संजीदगी और ऊपरी नफासत को,
मेरे भीतर बसे अल्हड़ बचपने से हमेशा मिलवाता है।
इसलिए मेरा एकाकीपन नितांत निजी सा लगता है।
जिससे गले लगकर मेरा दिल ओ दिमाग खिलता है।
सभी को इस निजएकांत के एक टुकड़े की ज़रूरत है।
तभी तो पता चलेगा कि ये दुनिया चाहे कैसी भी है,
पर आपके दिल में बसी दुनिया बड़ी खूबसूरत है।
