कैमरा
कैमरा
मेरी आँखों के कैमरे ने खींची थीं तुम्हारी
हँसती-मुस्काती,नाचती- गाती कई तस्वीरें।
जिनमें तुम पारिजात सी खिली हुई हो,
राजकुमारी सी सुंदर और खुश लग रही हो।
ये सब तस्वीरें जमा हैं मेरे दिल की एलबम में।
यकायक एक अप्रत्याशित सी खबर मिली,
कि तुम मोह-बंधन तोड़,आत्मघात कर बैठीं।
तुम तो अब पास न थीं दर्द-ए-दिल बताने को,
पर तुम्हारी डायरी ने हर हकीकत बयान की।
उफ़!कैसे तुम मुस्कुराने का अभिनय करती रहीं,
दुनिया के कैमरे में खुशहाल तस्वीरें भरती रहीं।
दीदी!तुम्हारा दिल न पढ़ सकी,मुझे माफ़ करना।
मलाल यही है,क्यों कोई ऐसा कैमरा नहीं बना ?
जो खींच सके दिल के ज़ख्मों की सच्ची तस्वीरें,
जिन्हें बहुत सफाई से हमेशा छिपा ले जाती हैं,
सूनी आँखों तक फैली, झूठी,पनीली मुस्कुराहटें।
