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Ritu Agrawal

Tragedy

4  

Ritu Agrawal

Tragedy

उफ़.....ये आवाज़ें

उफ़.....ये आवाज़ें

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दुनिया की चीखती हुई आवाजें,

दिलो-दिमाग को बहरा कर देती हैं।

जब जीत का जश्न मनाते हैं हम,

तो ये आवाजें तालियों सी लगती हैं। 

और जब हार से मायूस होते हैं हम,

तो ये आवाजें गालियों सी लगते हैं। 

सच! ये आवाज़ें हमारा दिमागी शोर हैं,

जो हालात अनुसार सुनाई देती हैं।

मत डूबना इनके संगीतमयी नाद संग,

ये हमेशा दिग्भ्रमित ही करती हैं।

बस सुनना अपनी रूह की आवाज,

जो सारे शोर में तुम्हें सच्ची राह दिखाती है।

उस एक आवाज़ का दामन,दिल से थामकर,

कर्कश कोलाहल की गलियों से गुजरती,

लड़खड़ाती जिंदगी भी मुस्कुराकर कट जाती है। 



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