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Mayank Kumar

Romance

3  

Mayank Kumar

Romance

सब वे बोल देते हैं

सब वे बोल देते हैं

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कुछ न कह कर ही वे सब बोल देते हैं

अपने मन को मेरे मन से जोड़ देते हैं

उनकी कवितओं के कुछ पन्नों को,

हवाएं खींच ले आयी हैं मेरे घर

कुछ अधूरेपन को जो पूरा करना था उन्हें शायद,

मैंने उन पन्नों को क़लम की नोक से

भर दिया है,

कुछ ख़ास न लिखकर भी ...

कुछ ख़ास लिख दिया है !!


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