सब रिश्ते यहाँ नाम के हैं
सब रिश्ते यहाँ नाम के हैं
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मैंने कभी सोचा भी
नहीं था कि ऐसा भी होगा
जिसे सच्चे दिल से चाहा
वही धोखा देगा।
वैसे तो सब रिश्ते यहाँ
नाम के हैं,
बस एक अपना ही
सहारा था।
तन्हा दिल मेरा आवारा था,
मजनू बन फिरता,
अज़नबी से इस सफर में।
बड़ा फ़र्क़ होता है
यहाँ नजर-नजर में
मैंने कभी ऐसा
सोचा भी नहीं होगा,
जिसे सच्चे दिल से चाहा
वही धोखा देगा।