सैलाब
सैलाब
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आँखों में सैलाब लिए
फिर आ गया तेरे पास
बातों में जवाब लिए
फिर आ गया तेरे पास
किस्मत पर करूँ यकीन या नहीं
क्योंकि, किस्मत के बहाने
फिर आ गया तेरे पास !
एक बार पलट कर देख भी लो
आखरी तेरा चाहने वाला
महफूज है या नहीं ?
दुनियादारी से अब भी शर्म है
तो आज भी छोड़ दो
तुम्हारी यादों में वैसे ही आज भी
भांग की तरह घिस रहा हूं ! !