लेखक मयंक कुमार जी, देश के कोयला राजधानी से विख्यात शहर धनबाद के रहने वाले हैं । प्रेमचंद्र एवं कवि दिनकर को अपना आदर्श मानते हैं । शेक्सपीयर की रचनाएं पढ़ने वालों से दूरी बनाए रखते हैं । इनका मानना है कि जितनी अच्छी उनकी अंग्रेजी है उतना ही तंग अंग्रेजी में इनका हाथ है । हिंदी का तलवार लिए... Read more
लेखक मयंक कुमार जी, देश के कोयला राजधानी से विख्यात शहर धनबाद के रहने वाले हैं । प्रेमचंद्र एवं कवि दिनकर को अपना आदर्श मानते हैं । शेक्सपीयर की रचनाएं पढ़ने वालों से दूरी बनाए रखते हैं । इनका मानना है कि जितनी अच्छी उनकी अंग्रेजी है उतना ही तंग अंग्रेजी में इनका हाथ है । हिंदी का तलवार लिए कर्मभूमि में डटे रहते हैं । इस आशा के साथ की कभी न कभी प्रेमचंद्र वाले प्रेमी एवं शेक्सपीयर वाली प्रेयसी का मेल किसी रास्ते पर होगा और दोनों भाषाओं के संगम के साथ ही एक नई भाषा की उत्पत्ति होगी , जिसके फल स्वरूप प्रेम की नींव रखी जाएगी । देश के एक चर्चित समाचार पत्र के website पर कुछ कविताएं प्रकाशित हो चुकी हैं । हिंदी काव्य एवं साहित्य में विशेष रूचि है । storymirror.com के वेबसाइट पर कई कविताएं एवं कहानियां आदि प्रकाशित हो चुकी है । इनकी एक ई बुक " प्रीत तुम्हें कैसे लिखूं ! " StoryMirror Infotech Pvt. Ltd. द्वारा प्रकाशित किया जा चुका है । जो storymirror.com के shop पर उपलब्ध हैं जिसका link हैं https://shop.storymirror.com/preet-tumhe-kaise-likhu/p/16se70avjk0w9pzxg
उल्लेखित माध्यम से आप इनके द्वारा लिखित E-BOOK को प्राप्त कर सकते हैं । Read less