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Dhan Pati Singh Kushwaha

Action Classics Inspirational

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Dhan Pati Singh Kushwaha

Action Classics Inspirational

सात जन्म हैं रहते साथ

सात जन्म हैं रहते साथ

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सनातन आर्य संस्कृति में जब कोई,

थामता है भरोसा देकर दूजे का हाथ।

प्राण देकर भी वचन निभाते आजीवन,

अग्नि साक्षी तो सात जन्म हैं रहते साथ।


पाणिग्रहण पवित्र सोलह संस्कारों में एक है ,

दो आत्माओं का मिलन न कोई समझौता है।

डाइवोर्स-तलाक की नहीं कोई भी गुंजाइश है,

प्यार केवल एक नहीं सात जन्म तक होता है।

कुछ घट-बढ़ भी तो कुछ चिंताजनक भी है नहीं 

जब सात जन्मों तक दोनों को ही रहना है साथ।

प्राण देकर भी वचन निभाते आजीवन,

अग्नि साक्षी तो सात जन्म हैं रहते साथ।


दो कुलों का यह पावन संगम है इस वसुधा पर,

बनकर त्रिवेणी पावन धरा को यह सरसाएगी।

दो संस्कृतियों के मिल करके पावन संस्कार जब,

श्रेष्ठ परंपराएं समाज को सन्मार्ग पर ले जाएंगीं।

उन्नयन जग का होगा परंपराओं के नव सृजन से,

उत्कृष्ट संस्कृतियों - सुसंस्कारों का इसमें हो हाथ।

प्राण देकर भी वचन निभाते आजीवन,

अग्नि साक्षी तो सात जन्म हैं रहते साथ।


धरा पर जीवन - संस्कृतियों का सतत् ही हो प्रवाह,

सदाचार-सुसंस्कारों की होती रहे सदा प्रशस्त राह।

सुख-समृद्धि मिले सदा सत्कार्य से होती सबकी चाह,

सराहनीय-अनुकरणीय सत्कार्य से होती रहे वाह-वाह।

परंपराएं जो बाधक हैं विकास में सत्कार्य के मार्ग में,

समूल उनको मिटाकर निभाएं उत्कृष्ट का सदा साथ।

प्राण देकर भी वचन निभाते आजीवन,

अग्नि साक्षी तो सात जन्म हैं रहते साथ।


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