सादगी
सादगी
तेरी सादगी मेरा मन मोह ले गयी
मेरे दिल का चैन सुकून कहीं खो गया
आज तक दिल तलाश करता है तुझको
दुनिया की इस भीड़ में,
पर तू तो ना जाने कहाँ खो गयी,
जाने कौन सी दुनिया से आई थी तू,
तुझे पाने की इच्छा दिल में मेरे,
तेरी तलाश में दीवानों सा आलम है मेरा,
कहाँ तलाश करूँ तुझको समझ नहीं आता,
ख्वाबों में तो नहीं देखा था तुझे,
कि सोचूँ ख्वाब हो तुम,
जिंदगी की राहों पर चलते चलते मिले थे कभी,
फिर जाने तुम कहाँ खो गए,
उन गलियों में आज भी जाते है,
हर और तुझे तलाशते है,
अब तो सामने आ जाओ फिर नजर के,
एक बार जी भर कर निहारना चाहते है,
अपना हाले दिल सुनाना चाहते है ।