रूक जाते हम अगर
रूक जाते हम अगर
रूक जाते हम अगर
तो क्या होता इस जहां में
नहीं चलता पता किसी को
ना फरक पड़ता हवाओं में
राहे खड़ी रहती थी
जैसे पहले थी खड़ी
नहीं होता था गम उन्हें
ना होती थी वो बड़ी
रूक जाते हम अगर
संसार नहीं रुकता था
हर शख्स ढूंढता राह अपनी
मंजिल पाने को चलता था
