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Rajit ram Ranjan

Romance

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Rajit ram Ranjan

Romance

रुला कर चला जाता था

रुला कर चला जाता था

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190


उसका छोटा सा घाव 

मुझ पे बड़ी चोट 

करता था, 

उसे मालूम भी था 

या नहीं, 

वो इससे बड़ा 

अनजान था, 

हर रोज़ रुला कर चला 

जाता था !


हर बार मेरी आँखों में 

एक आँसू दे जाता था वो, 

मेरी नींद, चैन, सुकून, करार 

सब छीन ले जाता था वो, 

मैं उससे इश्क़ करती थी 

पर पता नहीं उसे क्या 

लगता था, जो हर रोज़ 

रुला कर चला जाता था !



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