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Upama Darshan

Drama Inspirational

5.0  

Upama Darshan

Drama Inspirational

रोल रिवर्सल

रोल रिवर्सल

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नारी स्वतंत्रता की लहर जो आई,

स्त्रियों में नव चेतना लाई


महिलाओं ने मिलकर ठानी,

घर गृहस्थी है नहीं चलानी

खाना उनको नहीं बनाना,

काम को हाथ नहीं लगाना


घर से बाहर उनको जाना,

नौकरी करके पैसा कमाना

पति पर है अब रोब जमाना,

बच्चे पालने का गया जमाना


पुरुषों की फिर शामत आई,

पतियों की एक बैठक बुलाई

सबने अपनी समस्या बताई,

युक्ति एक समझ में आई


पत्नी की इच्छा में सहमति जताई,

खुद नौकरी छोडने की मंशा बनाई

जिम्मेदारी उठाएगें घर बच्चों की,

सुन पत्नी खुशी से फूली न समाई


सुबह को होगा टिफ़िन बनाना,

बच्चों को फिर नाश्ता कराना

पत्नी के ऑफ़िस जाने पर,

मेड से घर का सब काम कराना


“यू ट्यूब” से होगी कुकिंग की ट्रेनिंग,

घर पर करनी होगी बेबी सिटिंग

ऑफ़िस का न रहेगा टेंशन,

होगी ये “विन विन सिचुएशन”


शाम को बच्चों को पार्क घुमाना,

अपना बचपन फिर दोहराना

होगा फिर होमवर्क कराना,

मुश्किल काम नहीं है इतना


बच्चे जब स्कूल में होंगे,

चैन से टीवी पर मैच देखेंगे

पत्नी से पॉकेट मनी लेकर,

पति भी किटी पार्टी करेंगे


फ़रमाइश न होगी कपड़े गहने की,

स्कूल फ़ीस का टेंशन न होगा

फ़्यूचर के लिए बचत है करनी,

ये जिम्मा अब पत्नी का होगा


वाइफ़ अब सबकी वर्किंग होंगी,

“हाउस हस्बेंड” का आ रहा जमाना,

“रोल रिवर्सल” आइडिया है बढ़िया,

“पुरुष दिवस” अब होगा मनाना


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