रंग
रंग
रंगमंच की दुनियाँ से,
कुछ रंग उड़ेलो जीवन में।
ख्वावों के कुछ चित्र उकेरो,
जो बसे हुए हैं सपनो में।
अभिलेख मिले मेरे अंदर कुछ,
जो छिपे हुए थे बरसों से |
कुछ रंग चढ़े ऐसे रंगों के,
जो रंगे हुए थे अरसों से |
रंगों का मतलब निजी मामला,
जो जिसे अंततः रंग पाए |
श्याम रंग में गौर राधिका ,
अंतर्मन तक रंग जाए ।
बाबा तुलसी अपने हिय में।,
रंगते अपने राजा राम।
सूर रंगें अपनी अँखियन से ,
अपने प्यारे सुन्दर श्याम।
प्रत्येक रंग है बड़ा अनोखा,
बस तुम्हें रंग भरना होगा ।
इंद्रधनुष के निर्माणों में,
शास्वत नभ बनना होगा।
प्रकृति ने रंगों को समझा,
देखो, सब कितना अनुपम है।
कभी धूप में शत कोटि नज़ारे,
तो कभी रात में सूनापन है।
वही रंग हैं, वही ढंग हैं,
और वही दृश्य दिखते रहते हैं।
नाम वही, सब कुछ भी वही,
बस वक्त के रंग बदलते रहते हैं।