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Priya Srivastava

Drama Classics

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Priya Srivastava

Drama Classics

रंग का उत्सव

रंग का उत्सव

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रंगो की मस्ती है,

खुशियों का है समा,

होली का त्योहार है,

बचपन की यादों का समा।


रंगो का त्योहार है होली,

दिलों में प्यार है होली,

जीवन में नई उमंग है होली,

खुशियां लेकर आई है होली।


पिचकारी से रंग उड़ाते है सब,

गुलाल से चेहरे को सजाते है सब,

ठंडाई के नशे में मस्त होते है सब,

होली का रंग चढ़ाते है सब।


दुश्मन भी दोस्त बनते हैं होली में,

झगड़े भी खत्म होते हैं होली में,

गले मिल अपनापन बढ़ाते हैं होली में,

रंगो की ढेर में खुशियां बांटते हैं होली में।


भीड़ में भी बरसे ये रंग,

मुस्कुराहटें बिखेरे हर तरफ,

दिलों में प्यार भर जाए,

यही तो है होली का है असर।


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