विकलांगता
विकलांगता
विकलांगता है एक ताकत,
जो दिखती नहीं आँखों से स्पष्ट।
पर जब इसे समझते हम,
तब उसकी महत्ता बढ़ जाती है अनेक गुणा स्पष्ट।
ये नहीं कि हमें सहारा चाहिए,
ये नहीं कि हम हमेशा रोते रहें,
ये एक ताकत है जो दिखती नहीं,
पर इससे हमें जिंदगी जीने की शक्ति मिलती है
जब तक संघर्ष न हारे हमें मनोवृत्ति न खो बैठें।
जब समय की बवंडर छलांग लगाती है,
और समाज अजनबी बन जाता है,
तब विकलांगता हमें बताती है,
कि ज़िन्दगी दोस्तों के साथ नहीं खुशियों के साथ होती है।
ये नहीं कि हम अकेले हैं,
ये नहीं कि हमारा कोई नहीं है,
ये एक ताकत है जो दिखती नहीं,
पर इससे हमें जिंदगी जीने की शक्ति मिलती है
जब तक संघर्ष न हारे हमें मनोवृत्ति न खो बैठें।
जब समय के बादल ऊपर से गुज़रते हैं,
और रौशनी की रोशनी खोजते हैं,
तब विकलांगता हमें बताती है,
कि ज़िन्दगी के सफर में दुख सुख होते हैं।
हम अपनी विकलांगता से नहीं डरते,
जीते हुए खुशनुमा ज़िन्दगी जीते हैं।
ज़िन्दगी की सबसे बड़ी मुश्किल में भी,
हमने हार नहीं मानी और नहीं झुके हैं।
हम जानते हैं कि हमारी कमियों को,
कुछ लोग देखते हैं और हंसते हैं।
लेकिन हम नहीं होते हैं नाकाम,
हम खुश रहते हैं और अपने जीवन से प्यार करते हैं।
शायद हमें कुछ चीजें अधिक समझनी पड़ती हैं,
और हमारे लिए कुछ काम थोड़े मुश्किल होते हैं।
लेकिन हम नहीं होते हैं कमजोर,
हम बहुत कुछ कर सकते हैं और अपने आप पर विश्वास रखते हैं।
हम दुनिया को दिखाना चाहते हैं,
कि विकलांगता हमारी कमजोरी नहीं है।
हम नहीं मानते हैं कि हमारी ज़िन्दगी कुछ कम है,
हम खुश हैं और अपने जीवन से खुश रहना चाहते हैं।
इसलिए हम अपनी विकलांगता पर नहीं शरमाते,
और अपने आप से नहीं हार मानते हैं।
हम जानते हैं कि हम जैसे भी हैं,
हमें खुश रहना है और जीवन का आनंद उठाना है।
हम जो हैं विकलांग, नहीं हम अलग हैं,
क्यों लगता है जमाने को हमसे डर हैं?
हम अधूरे नहीं हैं, पूर्ण हैं हम भी,
फिर क्यों नहीं समझते हमारे हक को तुम लोग?
हमारी कमियों की बजाए, हमारी खूबियों को देखो,
हम भी तो सपनों के साथ अपने हौसले जुड़ते हैं।
हमारी कमजोरी नहीं हमारी ताकत है,
वो आग जो हमारी आँखों में जलती है।
हम जो हैं विकलांग, नहीं हम अलग हैं,
समझें इस बात को जमाने के सब लोग।
