नारी
नारी
देखा है कई तस्वीरें,
देखा है कई सपने,
लेकिन कभी न समझा है
नारी की महत्ता और शक्ति को मैंने।
क्या है उसकी सच्ची पहचान,
क्या है उसकी ख्वाहिशों की पहली उमंग,
वो जो हमेशा से साथ है हमारे,
क्यों उसे हमने अनदेखा किया हमेशा?
नारी है शक्ति का संग्राम,
जो सदा से है जागती अपने सपनों के लिए,
जो हर मुश्किल से लड़ती है अपने बच्चों के लिए,
जो सारे दुनिया को समझने की कोशिश करती है।
क्या सोचते हो तुम उसके बारे में?
क्या समझते हो तुम उसकी आवाज़ को?
वो हमेशा दरिया की तरह बहती हुई,
पर उसे आज़ादी का सफर पूरा करना है।
आओ उठाएं नारी की आवाज़,
आओ सुनें उसकी कहानी,
जो हमें बताएगी उसकी मुश्किलें,
जो हमें सिखाएगी उसकी सफलता की कहानी।
जब से संसार बना,
नारी हमेशा से विवश रही,
पुरुषों की हुकूमत से लचर,
जीवन भर जीती रही।
पर अब समय आ गया है,
नारी को जगाने का,
उसकी शक्ति को पहचाने का,
जिससे वह स्वतंत्र हो सके।
नारी सशक्तिकरण का समय है,
हमें सबको मिलकर काम करना है,
नारी को सम्मान देना है,
उसकी शक्ति को स्वीकार करना है।
नारी को समझना होगा,
उसकी महत्ता को स्वीकार करना होगा,
उसकी सोच को रखना होगा महत्त्वपूर्ण,
तभी हमारी समाज में नारी सशक्त होगी।
हमें नारी का साथ देना होगा,
उसकी मदद करना होगा,
उसकी शिक्षा का प्रतिशत बढ़ाना होगा,
तभी हमारी समाज में नारी सशक्त होगी।
इसलिए आओ मिलकर काम करें,
नारी को सशक्त बनाएं,
उसकी शक्ति को समझें,
तभी हमारी समाज में नारी सशक्त होगी।
यही हमारा सपना होना चाहिए,
नारी सशक्त हो, स्वतंत्र हो,
समाज को साथ लेकर चले,
फिर इस दुनिया को सबको जीते हुए देखा।
उठो नारी शक्ति हाथ में लो,
खुद को सबूत दो कि तुम हो,
जीवन के हर मोड़ पर,
हमेशा आगे बढ़ो और डट जाओ।
तुम शक्ति का स्रोत हो,
जब तुम उठोगी तो सब कुछ उठेगा,
जब तुम नहीं होगी तो कुछ नहीं होगा,
उठो नारी, शक्ति हाथ में लो।
तुम्हारी वीरता के बल पर,
हमारी समाज की अधिकांशतः खड़ी है,
तुम उस शक्ति के संग में हो,
जो हमें बदलने की ताकत देती है।
तुम उन नारियों की झलक हो,
जो हमेशा से हमारे जीवन के संग होती रही हैं,
तुम उन नारियों के नाम हो,
जो अपने वचनों के लिए जान दे देती हैं।
अधर्म, अन्याय, बेपरवाही,
नारी को तने देती हैं जिंदगी में सबसे बड़ी चुनौती।
पर वह हर मुश्किल से लड़ती है,
हर असंभव से मुकाबला करती है।
उसे समझाना नहीं पड़ता,
कि वह क्या है या क्या कर सकती है।
वह स्वयं अपने सपनों के लिए जीता है,
और अपने साथियों को भी जीता है।
नारी सशक्तिकरण न केवल एक शब्द है,
यह एक आंदोलन है जो लड़ता है नर-नारी के लिए समानता के लिए।
यह हमारी सोच और व्यवहार को बदलता है,
और समाज को एक साथ लाने के लिए एक अभियान है।
इसलिए, नारी सशक्तिकरण को समझना होगा,
और उसे समर्थन देना होगा।
एक सशक्त नारी समाज को सशक्त बनाती है,
और नई दुनिया की ओर अग्रसर कराती है।