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Priya Srivastava

Abstract

4.7  

Priya Srivastava

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बदलती जिंदगी के साथ

बदलती जिंदगी के साथ

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हां, समय बदल गया है

पहले कोई फिक्र नहीं थी कल की

बस मस्ती और खेल-कूद थी 

पर अब सब कुछ बदल गया है


पहले मां के हाथों का खाना बड़ा अच्छा लगता था

पर अब समय नहीं है खुद के लिए खाना बनाने का 

काम का प्रेशर और डेड लाइन है

खाना तो बस फास्ट फूड का ही मिलता है


पहले दोस्ती का साथ बड़ा अनमोल होता था

पर अब दोस्तों से भी दूरी है बढ़ रही

काम का बोझ इतना है कि पर्याप्त समय नहीं

दोस्तों से भी बात करने का, 

उनके साथ वक्त बिताने का


पहले ज़िंदगी बड़ी सुकून से गुज़रती थी

पर अब तो इतना दबाव है कि नींद आती नहीं 

काम का दबाव है इतना की खुद से भी दूरी है बढ़ रही

लेकिन करे भी तो क्या, अब तो सब चलता है


हां, अब समय बदल गया है

पहले सब कुछ आसान था

पर अब दुनिया बदल रही है, जिंदगी बदल रही है

पर हम भी बदलते जा रहे हैं, जिंदगी के साथ-साथ।


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