एक नई रोशनी की तलाश में - मुनीबा मज़ारी
एक नई रोशनी की तलाश में - मुनीबा मज़ारी
जिसने हार न मानी, जिसने हर तकलीफ़ को गले नहीं लगाया,
वो है मुनीबा मजारी, जो खुद से ज़्यादा इस दुनिया को प्यार दिखलाया।
गाड़ी के हादसे में तक़रीबन बर्बाद होने के बाद भी,
उसने नहीं त्यागा अपने सपनों की पंक्तियों को जीने से।
वो एक कलाकार है, जो रंगों से नहीं, बल्कि खुशियों से भरी है जीने की चाहत से।
महिलाओं के अधिकारों और विकलांगों के अधिकारों के लिए अपना आवाज़ बुलंद किया,
उसने दुनिया को दिखाया, कि बेदाग सोच से कैसे होता है समाज बदला।
वो हम सब के लिए मिसाल बनी हुई है, जिसने दिखाया है कि हो सकता है सब कुछ,
बस होना चाहिए हिम्मतवाला।
ज़रा सोचो उस लड़की के बारे में,
जिसने दुनिया को जगाया है अपनी मिसाल से।
उस लड़की की कहानी इतनी अनोखी है,
कि शब्दों में वो नहीं बताई जा सकती है।
उसे ये नहीं पता था कि उस दिन वो कैसे बदल जाएगी,
जब वो उन तकलीफों से गुज़रने वाली थी, जिनका सामना कर पूरा दुनिया डर जाती थी।
पर वो हार नहीं मानी, उसने अपनी ज़िन्दगी को फिर से जीना शुरू किया।
उसकी हिम्मत को सलाम, उसकी जुनून को सलाम,
उसके खून को, पसीने को, उसकी अंधेरी रातों को सलाम।
उसने दुनिया को दिखाया कि वो हम सब के लिए एक मिसाल है,
उसने दुनिया को बताया कि हो सकता है सब कुछ,
बस ज़िंदगी के सफ़र में, जरुरत है थोड़ी हिम्मत की जो जहाँ के हर कोने से निकलती है।
मुनीबा की ताकत है उसकी मुस्कुराहट में,
उसके नाम से है जुड़ी दुनिया की हर बात में।
उसके आँसू भी हैं उसकी कहानी का हिस्सा,
जो हमें याद दिलाते हैं ज़िन्दगी की असली सफ़र का पता।
उसने जीती दुनिया के हर मुश्किल से,
उसके ज़िद है उसकी खुशियों की मुहर,
उसकी खुशनुमा चालों से बनता है हर दिल दिल्लगी का सफर।
मुनीबा की खुशनुमा चाहत ने जगा दिया है हर इंसान में नयी ताकत,
उसकी आशा ने जीने की मिसाल बना दी है,
जो अपनी कमज़ोरियों को भी नहीं मानती है और जिंदगी का साथ निभाती है अपनी ताकत से।
ज़िन्दगी ने जो कुछ भी उससे छीना हो,
वो उसके जज़्बातों की उड़ान बन गया है,
उसने जीती हर टकलीफ से,
उसकी खुशनुमा चाहत ने जगाई है नयी ताकत हर इंसान में।