रिश्तों के निर्वाह को जरूरी है ताल मेल
रिश्तों के निर्वाह को जरूरी है ताल मेल
रिश्तों का सफर हर घड़ी
सही भावों का मोहताज
भावों में ऊंच नीच बिगाड़
देता प्रायः इसका मिजाज
बहुत कठिन है हर समय
भावनाओं पे रखना अंकुश
भावभंगिमा से कुछ सधें
तो कुछ हो जाते नाखुश
देश और समाज में वही
शख्स पाए सबका दुलार
जो भावनाओं को काबू में
रख करे संतुलित व्यवहार
रिश्तों में प्रगाढ़ता आती है
तभी जब विचारों में हो मेल
अन्य स्थितियों में भी रिश्तों के
निर्वाह को जरूरी है तालमेल
उसी शख्स को हासिल होते हैं
जीवन में सुख, आनंद के पल
जो सबसे निश्छल व्यवहार के
लिए खुद को रख सके प्रबल
जिंदगी के लिए बहुत जरूरी
सामंजस्य के मंत्र पर अमल
अन्यथा मनुष्य के लिए हरेक
कदम पर बिखरे शूल, अनल
