रिश्ते बनाये
रिश्ते बनाये
भूल हुई जो हमने रिश्ते बनाये,
जिंदगी के ख्वाब खूब सजाये।
अरमान जब खाक हुये तो समझे,
वो अपने नहीं जिंदगी में पराये।
उन्हें बेहतर मिला या न मिला,
उनसे बेहतर हमें कोई न मिला।
जरुरत थी उसे जबतक,
खेला उसने खेल प्यार का,
जब जरुरत न रही प्यार की,
तब दगा मिला हमराज का।
आज चांद तारे मुट्ठी में हैं
तो वफा करने वाले नहीं हैं,
वक्त का तकाजा मिला जो,
हम भूलने वाले नहीं हैं।
तड़प दिल में रिश्तों के बर्बाद होने की नहीं है,
गम ए दिल बस यूं तेरी मोहब्बत में आबाद नहीं है.