रास्ता बुलाता है..!
रास्ता बुलाता है..!
बहुत गए लौट आओ अब
मेरे वास्ते नहीं उनके लिए
जिन्हें छोड़ गए जो तुम्हारा राह
तकते तकते लाश हो गए हैं..!
लौट आओ अब रास्ता बुलाता है
हाँ..! वही रास्ता
जहाँ कभी साथ साथ
चहल कदमी किया करते थे,
वो वट वृक्ष जिसकी शाखाओं को
झूला बना झूल जाया करते थे..!
राह के वो कुंज जिनके कलियों को
तोड़ लिया करते थे..!
लौट आओ अब, हाँ.. लौट आओ
ये उदासी का धुंध सहा नहीं जा रहा
रास्ता भी बुला रहा लौट आओ अब।

