राम
राम


राम को राम ही मात्र जीते रहे
वेदना का गरल नित्य पीते रहे
त्याग वैभव वनों में भी सुख पा लिया -
ताज पाकर सुखों से वो रीते रहे ।।
राम को राम ही मात्र जीते रहे
वेदना का गरल नित्य पीते रहे
त्याग वैभव वनों में भी सुख पा लिया -
ताज पाकर सुखों से वो रीते रहे ।।