भारत देश हमारा है
भारत देश हमारा है


सागर जिसके चरण पखारे,
हिमगिरि जिसका प्रहरी है।
भरा प्राकृतिक वैभव से यह,
भारत देश हमारा है।
वसुधा इसकी पावन इतनी,
देवों ने अवतार लिया।
छः ऋतुओं ने समय-समय पर,
इसका है श्रृंगार किया।
त्याग तपोमय भूमि हमारी,
सारे जग से न्यारा है।।
उपदेश कृष्ण दे गीता का,
जग में ज्ञान प्रकाश भरा।
रघुनंदन के तूणीरों ने,
वसुधा से फिर पाप हरा।
स्वर्ग लोक से आ गंगा ने,
इसको और निखारा है।।
संस्कृतियों का संगम यह है,
भाषाओं की जन्म स्थली।
गान ऋचाओं का गूँजे नित,
जन्में कितने महाबली।
है अखंड यह विश्व गुरू भी,
भारत सबको प्यारा है।।