*राम कृष्ण का दहन किया
*राम कृष्ण का दहन किया
जिस पुस्तक ने मानवता के, श्रेष्ठ हितों का वहन किया।
अपने शब्दों की संप्रभुता से , आत्मज्ञान को गहन किया।
धरा के पावन कुंभ नगर में, ऐसा किसने कलह किया।
जीवन बोध बताने वाले,*राम कृष्ण का दहन किया।
वो पुस्तक जो जनमानस में, चेतन भाव जगाती थी
जीवन के अंधियारे पथ में, ज्ञान दीप बिसराती थी
दुर्गम दुष्कर परिस्थिति में, हमको हंसना सिखलाती थी
उपनिषदों के साए में जो, गीता ज्ञान सिखाती थीं
जिसको सुनकर चंद्र पुष्प ने , दिन में खिलना सहन किया
सत्य का पाठ पढ़ाने वाले , *राम कृष्ण का दहन किया
जिस प्रशांत ने जग मंगल हित, खुद का ही बलिदान किया
अज्ञानी को ज्ञान दिया और , स्त्री को सम्मान दिया
कबीर रहीम विवेकानंद और फुले का गुणगान किया
धर्म को आश्वस्त किया , आत्म को अभिमान दिया
उस महात्म की शिक्षाओं का , ये कैसा सम्मान किया
आचार्य को नहीं जलाया , शिक्षा का अपमान किया
कुंभ आत्मशोधन है जिसने ऐसा पावन कथन दिया
धर्म मार्ग बतलाने वाले, *राम कृष्ण का दहन किया
*राम कृष्ण आचार्य प्रशांत की पुस्तकों का प्रतीक मात्र हैं। जिसका उद्देश्य किसी धर्म को आहत करना नहीं है।
