किसान
किसान
एक किसान बहुत
कठिन परिश्रम करता है
और लंबे इंतजार के बाद उसे
मेहनत का फल मिलता है
पत्नी की साड़ी फटी है
बच्चों के जूते नहीं हैं
खुद की दीन दशा है
किसान का परिचय यही है
बच्चे पढ़ने न जा सके
वह भी विलाप करता है
बड़े व्यापारी से कर्ज लेकर
बीज बोने का कार्य करता है
सिंचाई के लिए भी
वह कई कष्ट उठता है
फसल अच्छी होती है फिर भी
उसे उचित दाम नही मिल पाता है
फिर से खेती करने के लिए
उसका धन कम पड़ जाता है
कड़ा परिश्रम करने पर भी
कर्ज के बोझ तले दब जाता है
सिलसिला आगे बढ़ता जाता है
वह कर्ज में डूबता चला जाता है
सबकी भूख मिटता फिर भी
खुद भूखा सो जाता है
वह खेती छोड़ दे तो
जनता क्या कर पाएगी
भारत की एक अरब जनता तब
भूखों ही मर जायेगी
वो किसान जो बहुत दीन है
जिसपर हो रहा अत्याचार
पूरे भारत का पेट है भरता
बंद करो यह दुर्व्यवहार।