राहें ज़िन्दगी की
राहें ज़िन्दगी की
ये तो अभिनय की दुनिया है
यहाँ सब कुछ दिखावटी होता है।
हँसना, रोना, प्रेम, संवेदनाएँ,
क्षणिक और पूर्व निर्धारित भाव भंगिमाएं।
एक कट की आवाज़ के साथ
ग्लिसरीन के आँसुओं सी ढुलक जाती है जिन्दगी ।
जो अच्छे से निभा जायें वही उत्तम कलाकार और
जो भावनाओं में बह गया उसके लिए बंदगी ।।
भावनाओं में जीना भी तो जैसे होता है ज़हर पीना
दर्द और मर्म से आहत मन और छलनी हुआ सीना
वैसे इस विष का भी तो अपना अलग हिसाब होता है,
चाहिए मृत्यु तो अल्प ही काफ़ी है,
पर जीना चाहें तो रोज़-रोज़ पीना पड़ता है ।।
इसलिए न करें समझौते हालात से
बस उनका रुख़ मोड़ने का जज़्बा होना चाहिए ।
माना कि आसमां में चमकते चाँद और सितारे हैं,
पर दुनिया में रोशनी के लिए
गगन में दमकता सूरज भी तो होना चाहिए ।।
कर लें हर कष्ट और विपत्तियों का सामना
जीत नहीं तो सीख ही मिल जायेगी।
मंज़िलें हो जायेंगी सरपरस्त और
जिन्दगी जीने की राह आसान हो जायेगी।।
