प्यारे मित्र
प्यारे मित्र
प्यारे मित्र तुम्हारी मित्रता से,
हो गया मैं निहाल हूं।
आजा हम दोनों बैठ के खेलें,
करता ये फरमान हूं।
क्या खेलें अब कुछ तो बता दे,
हो गया मैं परेशान हूं।
सूझता नहीं अब क्या खेले हम,
हो गया मैं हैरान हूं।
ऐ मेरे प्यारे और न्यारे घनिष्ठ मित्र,
चलो अब लगाते हैं मस्त इत्र।
सुगंध फैलाते हैं अब चारों ओर हम,
खुद भी महकें और महकाएं हम।
खेल भी खेलें तो हम कितना खेलें,
आओ मिलकर हम टीवी देखें।
आओ लगाएं हम कुछ ऐसा चलचित्र,
जिससे बन जाएं हम और पक्के मित्र।
