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दुलार चाहिए

दुलार चाहिए

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हम बच्चे हमे भी सब अधिकार चाहीये,

माता पिता भाई बहन सबका प्यार चाहिए ।

पढ़ने को किताब खेलने को मैदान मिले ,

फूस की छत मगर रहने को घर बार चाहिए ।

भरपेट खाना मिले ना मिले कोई गम नहीं ,

मगर माँ का प्यार सबका दुलार चाहिए ।

छल कपट झूठ या सच हम क्या जाने ,

हमारी मासूमियत समझे वो समझदार चाहिए ।

हो न कोई चिंता और न परेशानी कोई ,

समझे हमारी भाषा सुंदर ऐसा संसार चाहिए ।

कुछ लोग हमारे बचपन ब्यापार समझते है।,

मत बेचो मेरा बचपन नहीं हमे बाजार चाहिए ।

हमारे नाजुक अंगो किमत ना लगाओ कोई,

जीना अधिकार हमे गले नही औज़ार चाहिए ।

देश के भावी कर्णधार हमे भी पनपने दो ,

पकड़ हाथ चलना सिखाये वो मददगार चाहिए ।



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