प्यार या जादू...?
प्यार या जादू...?
इस दिल की दास्तां
मैं क्या बयां करूँ...
जब आग ये दिल की
बुझाए नहीं बुझती...!
एक तरफ उनका दिल
धड़कता है
और दूसरी तरफ
इस तड़पते दिल
की यादों में कहीं
मैखाना-ए-तन्हाई
मुझे रफ्ता-रफ्ता
नशे में डूबो देती है....!
क्या यही प्यार है या कोई जादू...?

