प्यार के ढाई अक्षर
प्यार के ढाई अक्षर
हम तुम्हारे लिए रातों की नींद खो बैठे,
और तुम किसी और को ही दिल दे बैठे।
हमारी चाहतों का क्या परिणाम दिया,
जहाँ आगाज़, वहीं पे ही अंजाम किया।
क्या कद्र की तुम ने हमारे प्यार ही की,
बस इज्ज़त भी न की मेरे इंतजार की।
इकरार ही तो नहीं कर पाए, समझ लेते,
मोहब्बत ए इज़हार आँखों में पढ़ लेते।
कहने को तो तुम बी.ए., एम.ए. पढ़ गये,
मगर प्यार के ढाई अक्षर ही न पढ़ पाये।
हम तुम्हारे लिए रातों की नींद खो बैठे,
और तुम किसी और को ही दिल दे बैठे।

