पति को पाके हमको भूल जाओगी..
पति को पाके हमको भूल जाओगी..
लाल जोड़ो में सजकर,
सोलह श्रृंगार किये दुल्हन बन जाओगी...
मुझे मालूम हैं कि उस दिन,
तुम मेरी ज़िन्दगी से चली जाओगी....
मिटा दूंगा हथेली पर से नाम तेरा, औऱ तुम भी मिटा लोगी...
मगर सच-सच बताओं ना यार,
क्या दिल से भुला पाओगी...
हर जर्रे-जर्रे में मुझे,
तुम ही तुम नज़र आओगी...
पति को पाके हमको भूल तो नहीं जाओगी...!
अपनी दोस्ती के किस्से,
अब नीलाम हो जायेंगे...
मिलने अगर आये,औऱ कोई देख लिया,
तो सारे रिश्ते बदनाम हो जायेंगे...
दुल्हन बनके तुम तो चली जाओगी,
क़सम से यार बहुत याद आओगी...
पति को पाके हमको भूल तो नहीं जाओगी...!
कभी याद आये हमारी,
औऱ दिल करें तो फ़ोन मिला लेना...
जितनी मोहब्बत हमसे थी,
उतनी ही अपने पति से करना,
औऱ उनसे ही अब दिल लगा लेना...
ख़ुद, ख़ुश रहना औऱ खुशियों से अपने आँगन को महका देना...
नामुमकिन हैं जरूर मगर कोशिश करोगी तो एकदिन,
मेरी यादों को दिल से मिटा पाओगी,
पति को पाके हमको भूल तो नहीं जाओगी...!
तुम्हें मैं बदनामियों के दामन में,
ना लिपटने दूंगा...
ज़रूरत पड़ी तो जहाँ से भी लड़ लूंगा,
बस तुम ख़ुश रहना,
मैं हर उदासियों को सह लूंगा...
हर कोशिशों के बाद भी तुम हमें बहुत याद आओगी,
पति को पाके हमको भूल तो नहीं जाओगी...!

