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Krishna Bansal

Drama Classics Inspirational

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Krishna Bansal

Drama Classics Inspirational

प्रसन्नता

प्रसन्नता

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बहुत हो गई

कष्टों, दुखों, संघर्षों की गाथा, 

अब करेंगे 

प्रसन्नता की बातें।.


बहुत हो गई 

असफलता और 

विफलता की कथा,

बहुत हो गई

दूसरों से सहानुभूति 

लेने की प्रक्रिया

अब करेंगे 

प्रसन्नता की बातें।


बहुत हो गई 

बीमारी की बातचीत

डॉक्टर व हकीम की दवाईयां

आस पड़ोस की बुराइयां

बहुत हो गई

आप बीती 

जग बीती

अब करेंगे 

प्रसन्नता की बातें।


बहुत कठिन नहीं होता 

प्रसन्न रहना।

मनोदशा समझने की बात है।


हर परिस्थिति तो 

अनुकूल हो नहीं सकती 

जैसी हो स्वीकार करो,

और प्रसन्न रहो

बस।


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