तेज़ कदमों से निकल जाऊँगी आगे, पर क्या तुम , बर्दाश्त कर पाओगे इसे? मुझे घसीटने का सुख जो अभी तुम... तेज़ कदमों से निकल जाऊँगी आगे, पर क्या तुम , बर्दाश्त कर पाओगे इसे? मुझे घसीटन...
कठिनाई से सहानुभूति रखने का आह्वान। कठिनाई से सहानुभूति रखने का आह्वान।
कोविड के इस दौर के , ये रंग बड़े निराले हैं. कोविड के इस दौर के , ये रंग बड़े निराले हैं.
ज्ञान का अधूरा सपन नींद में है चल रहे सब उठाए अपना-अपना गगन। ज्ञान का अधूरा सपन नींद में है चल रहे सब उठाए अपना-अपना गगन।
मेरे कोलोनी के सभ्य लोग दिल से अपंग हो गये। मेरे कोलोनी के सभ्य लोग दिल से अपंग हो गये।
हर तरफ हर कदम हमारे चलते जाते कदम काश इन कदमों ने किसी के दर्द को महसूस किया होता हर तरफ हर कदम हमारे चलते जाते कदम काश इन कदमों ने किसी के दर्द को महसूस किया ...