पर कैसी यह चाल चली ? जंजीरों में जकड़ दिया ! पर कैसी यह चाल चली ? जंजीरों में जकड़ दिया !
गर नाखून पर नाखून मरा न होता यह उंगुलियों से यूँ कटा न होता। गर नाखून पर नाखून मरा न होता यह उंगुलियों से यूँ कटा न होता।
एक बक्शे में भरकर ले जा पाता, ये थोड़ा सा पूरा आकाश, अपने अपंग पिता के पास। एक बक्शे में भरकर ले जा पाता, ये थोड़ा सा पूरा आकाश, अपने अपंग पिता के पास।
मेरे कोलोनी के सभ्य लोग दिल से अपंग हो गये। मेरे कोलोनी के सभ्य लोग दिल से अपंग हो गये।
मुए जहान में मर्दों की बड़ी आफ़त है हँस के ढोते हैं कई बोझ यह शराफत है। मुए जहान में मर्दों की बड़ी आफ़त है हँस के ढोते हैं कई बोझ यह शराफत है।