नाखून
नाखून
गर नाखून भी अभिन्न अंग होता
कटने से इंसान अपंग न होता।
गर नाखून पर नाखून मरा न होता
यह उंगुलियों से यूँ कटा न होता।
गर नाख़ून भी जिंदा होता,
क्या उंगलियों में खून सना न होता ?
यदि उंगुलियों में खून सना न होता,
क्या शरीर को दर्द जरा न होता ?
गर नाखून भी अभिन्न अंग होता
यह अंगुलियों से यूँ कटा न होता ?
