परिवार
परिवार
माँ से ले सेवा का व्रत
पिता से ले आश्रय का दान।
कर्म बने जीवन का रथ
सद्गुण में है सुख का राज।
सुख - शांति हो जिस घर में
परिवार में मिलते गहरे संस्कार।
कविता के संबंध में 10 शब्द-
मात - पिता से घर - परिवार
वे देते संस्कार का आधार।
माँ से ले सेवा का व्रत
पिता से ले आश्रय का दान।
कर्म बने जीवन का रथ
सद्गुण में है सुख का राज।
सुख - शांति हो जिस घर में
परिवार में मिलते गहरे संस्कार।
कविता के संबंध में 10 शब्द-
मात - पिता से घर - परिवार
वे देते संस्कार का आधार।