प्रेमपाश
प्रेमपाश
कौन है
तुम्हारे सिवा
सिवा तुम्हारे
कौन है
आँखों के आँसू
होंठों की प्यास
धड़कन की खामोशी
तुम ही तो हो
जी रही हूँ
तुम्हारे लिए
हँस रही हूँ
तुम्हारे लिए
रोती हूँ बस
तुम्हारे लिए
तस्वीर हो तुम
प्रतिबिंब हूँ मैं
बीच में है दर्पण
स्वच्छ सा शीतल सा
हमारे रिश्ते की तरह
पतंग हूँ मैं
डोर हो तुम
हमारे तुम्हारे
प्रेमपाश की तरह।

