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Bhavna Thaker

Romance

4  

Bhavna Thaker

Romance

फरवरी के जलवे

फरवरी के जलवे

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दिलकश फरवरी की शीत बयार में

एक गीला एहसास है 

तुम कहो तो कह दूँ ?

पास नहीं तू ये कमी ही तेरी खास है,

दूरी का गम नहीं तू भूल न जाना कहीं वादा 

दिल को उम्मीद पे ये इख़तियार है !


बर्फ़िले मौसम से बहता है रोमांस 

याद आ रहा वो पिछले साल का मधुमास है

वो तुम्हारे काँधे पर मेरे गेसूओं का लहराना, 

हौले से तुम्हारी ऊँगलियों का लटों को सुलझाना याद है !


करवट की नर्मी को संग बिताए लम्हों का साथ है, 

साँसों की गर्मी से वो तन-मन का पिघलना  

दिल को वो यादें कहाँ रास है

ठंड के मौसम में जलाते मारती गर्म अश्कों की मार है !


गरदन के तिल पर मचलते जामुनी मोहर का

इतराते जलाना मेरे अंग-अंग में लगी आग है, 

ये दिसंबर की शरारत में तुम्हारा साथ ना

होना अपनी मोहब्बत की हार है।


तन्हा है दिल, तन्हा लम्हें, तन्हा सुबह-शाम है,

आ जाओ अब नर्म स्पंदन को चाहत की

आँच देने देखो ना ये फ़रवरी के जलवे लाजवाब है।


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