पहलगाम
पहलगाम
हम तो भाषाओ की बहस में उलझे रहे , कोई हिंदी तो कोई तमिल, मराठी,कन्नड़ बोलने पे झगड़ गए ....
क्या गलती थी उन मासूमों की जो पहलगाम में घूमने गए थे , किसी का भाई तो किसी का पिता ....
बोल ’अजान ’ का बहाना मार डाला सबको
1,२ नहीं 25 शहीद हुए बिन मतलब की जंग में ....
तुम करते रहो अपनी भाषा की रक्षा देश तो तुम्हारा है नहीं ....
छोड़ो ये भाषा और राजनीति का खेल होकर एक खड़े है हम उन मासूमों के परिजनों के संग ..।
क्या उनकी मौत के बाद उनके घरों में खाना पका होगा ,
तुम सब तो आ गए अपना पेट भरके ओर चिल्ला रहे हो सीWe want justice '...
ये ऑनलाइन के जमाने वाले लोग कुछ पल अपने फॉलोवर्स और सब्सक्राइबर के लिए थोड़ा जोश दिखाते है ...
इंसायनित अभी नहीं जागी तो कब जागेगी....
