शादी है या ड्रामा भाग-1
शादी है या ड्रामा भाग-1
शादी तो थी एक पवित्र बंधन
होता था जिसमें दो परिवारों का मिलन
हो जाता खुशियो का आगाज
शादियाँ तो थी हमारे ज़माने मे अब वो बात कहा... 1...
अब तो होता है रिश्तों का सोदा
जहा पहले उठती थी घर से डॉली आज उठ
रही वहाँ से पेसो की पेटिया
अब तो होता है शादी के नाम पे बस सोदा... 2...
शादी के बाद होता था घर खुशहाल
अब तो शादी के एक साल मे
दिखता है रंग लोगों का
छोड़ जाते माँ बाप को अकेला
कहते है कि अब मिया बीवी रहो अकेले
हम से ना होती आपकी सेवा... 3...
कहा मिलता है आज कल शादियों के बाद
खुशहाल परिवार
अब तो हर घर बेहाल है
कहीं सास बने चुड़ैल तो
कहीं बहु बने डायन... 4...
क्या कहें आज के बच्चों का
हो जाते हैं झगड़े यहा छोटी छोटी बातों मे
आ जाता ईन सब मे तलाक नाम विष
य़े विष नहीं तो क्या है जिससे होता है सब बेहाल
मीट जाते है रिश्ते इस विष के आजाने से..... 5....
तलाक के विष का हो रहा एसा ड्रामा
जो कर रहा अब हर घर को बेहाल
बिगाड़ रहे यहा रिश्ते, बिगड रहा है ज़माना
नजाने किस ने लाया ये विष का खेला
खेल समझ के शादी के रिश्ते को
यहा खेल रहा हर कोई खेला
य़े शादी है या ड्रामा.... 6....
वीर बोले हीर से क्या माया इस दुनिया
शादी के इस पावन बंधन को
कर डाला सबने तलाक बंधन
य़े ड्रामा नहीं तो फिर क्या है!?.... To be continued